गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस का कितना खतरा, क्या मां से शिशु को मिल सकती है ये बीमारी?

गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस का कितना खतरा, क्या मां से शिशु को मिल सकती है ये बीमारी?

सेहतराग टीम

चीन के वुहान शहर से निकलकर पूरे दुनिया में कहर मचाने वाले कोरोना वायरस का खौफ लगातार लोगों के मन में फैलता चला जा रहा है। यह हो भी क्यों ना अभी तक यह वायरस तकरीबन लाखों लोगों की मौत का कारण बना हुआ है और करीब 20 लाख लोग इससे जीतने के लिए जंग लड़ रहे हैं यानी इससे संक्रमित हैं। यह वायरस बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिला किसी को भी नहीं छोड़ रहा है। इससे सभी लोग प्रभावित हो रहे हैं और सभी लोगों को खतरा भी है। वहीं यह कई नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं में भी फैल चुका है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं यह सोचने के लिए मजबूर है कि उनके होने वाले शिशु पर इस वायरस का क्या प्रभाव पड़ेगा और उनकी प्रेग्नेंसी इससे कितने हद तक प्रभावित हो सकती है। तो आज हम आपको इसी विषय पर कुछ बताएंगे, जिसकी मदद से आप अपने सवालों को जवाब ढुढ़ लेगें।

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दुनियाभर में तमाम वैज्ञानिक अभी भी इस बात को पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोविड-19 इंफेक्शन का प्रभाव गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले शिशु पर किस प्रकार पड़ सकता है। कुछ रिपोर्ट्स ऐसी जरूर मिली हैं, जिनमें नवजात शिशु कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। मगर अभी यह पता नहीं लगा है कि उन्हें जन्म से पहले ये वायरस मिला या जन्म के बाद। कुछ एक्सपर्ट्स यह मानते हैं कि अगर कोई गर्भवती महिला कोरोना वायरस का शिकार हो जाए, तो संभव है कि वह अपने होने वाले शिशु में भी इस वायरस को ट्रांसफर कर दे। आइए आपको इसी संबंध में कुछ जरूरी बातें बताते हैं।

गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 का कितना खतरा?

अभी तक इस बात के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि सामान्य लोगों की अपेक्षा गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा है। लेकिन हां, वैज्ञानिक ये जरूर मानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है, जिससे कि अगर वे वायरस के संपर्क में आती हैं, तो उन्हें गंभीर श्वसन बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। इस दौरान उन्हें सामान्य फ्लू और जुकाम का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जुकाम, बुखार जैसे फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सहायता लेना ही उचित है।

क्या गर्भवती मां से होने वाले शिशु को मिल सकता है कोरोना वायरस?

शोधकर्ता अभी इस बारे में कुछ खास बात नहीं जान पाए हैं कि कोरोना वायरस गर्भवती महिला से उसके शिशु को गर्भ में ही फैल सकता है या नहीं। अभी तक गर्भ में भरे लिक्विड (Amniotic) में या कोरोना से संक्रमित मां के दूध के सैंपल में इस वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए गर्भ में शिशु को ये इ्ंफेक्शन होने का खतरा बहुत कम है।

क्या प्रेग्नेंट महिलाओं को कोविड-19 टेस्ट कराना चाहिए?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस महिला में कोविड-19 के लक्षण दिखें, फिलहाल उसे ही इसकी जांच कराने की आवश्यक्ता है। इसके अलावा जो गर्भवती महिला किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई है या हॉटस्पॉट वाले इलाके में मौजूद है, तभी उसे ये जांच करानी चाहिए। अन्य गर्भवती महिलाओं को इस जांच की आवश्यक्ता नहीं है।

क्या कोरोना से संक्रमित महिला करा सकती है अपने शिशु को स्तनपान?

कोरोना वायरस से संक्रमित महिला अपने शिशु को स्तनपान करा सकती है मगर उसे कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे-

  • शिशु को छूने से पहले अच्छी तरह हाथ धोए।
  • सर्जिकल या N95 मास्क पहनकर ही शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।
  • जो कपड़े महिला ने पहने हैं, वो धुले होने चाहिए, ताकि उसमें कोरोना वायरस होने का खतरा न हो।

 

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